भारतीय लड़ाकू विमान: आकाश के अदृश्य रक्षक
हवा में गर्जना करते हुए, आसमान को चीरते हुए, भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सिर्फ मशीनें नहीं हैं —ये हमारे गौरव, सुरक्षा और तकनीकी प्रगति के प्रतीक हैं। जब कोई सुखोई या तेजस आसमान में गुजरता है, तो लगता है जैसे मानो देश की शान हवाओं में लहरा रही हो। आज, हम बात करेंगे भारत के इन खूबसूरत और घातक लड़ाकू विमानों की, जो हमारी आजादी की रक्षा के लिए दिन-रात तैनात हैं। भारतीय वायुसेना का गौरवशाली इतिहास भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी, और तब से लेकर आज तक इसने कई युद्धों और चुनौतियों में अपनी बहादुरी का परिचय दिया है। 1965 और 1971 के युद्धों में हमारे विमानों ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे। कारगिल युद्ध में तो मिग-21 और मिराज-2000 ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को सबक सिखाया था। ये विमान सिर्फ धातु और इंजन का जोड़ नहीं हैं—इनमें हमारे वीर पायलटों का खून-पसीना और देशभक्ति का जज्बा बसता है। भारत के प्रमुख लड़ाकू विमान 1. तेजस – 'मेड इन इंडिया' का गर्व तेजस भारत का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान है, जिसे DRDO और HAL ने मिलकर बनाया है। इसकी डिजाइनिंग से लेकर टेस्टिंग तक सब क...